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Tomato Price Hike

जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

टमाटर के भाव में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। टमाटर के एक थोक विक्रेता ने बताया है, कि बारिश एवं ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50% प्रतिशत फसल चौपट हो गई। इससे आकस्मिक तौर पर बाजार में टमाटर की अवक में गिरावट आ गई, जिससे कीमतों में इजाफा होने लगा है। महाराष्ट्र राज्य में टमाटर की कीमतों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। विगत एक सप्ताह के भीतर कीमत में 100% फीसद का इजाफा हुआ है। इससे आम जनता की रसोई का बजट प्रभावित हो गया है। परंतु, टमाटर की खेती करने वाले उत्पादकों के चेहरे पर मुस्कराहट आई है। कृषकों को यह आशा है, कि यदि इसी प्रकार से टमाटर के भावों में इजाफा होता रहा, तो वह थोड़ी-बहुत हानि की भरपाई कर सकते हैं। विगत माह महाराष्ट्र के टमाटर उत्पादक भाव में कमी आने के चलते लागत तक भी नहीं निकाल पा रहे थे। मंडियों के व्यापारी उनसे 2 से 3 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे थे। परंतु, फिलहाल उनको टमाटर का अच्छा-खासा भाव अर्जित हो रहा है।

टमाटर की कीमत 30 से 60 रूपए प्रतिकिलो हो चुकी है

मीडिया एजेंसियों के अनुसार, महाराष्ट्र में टमाटर का खुदरा भाव 30 रुपये से बढ़ कर 50 से 60 रुपये प्रति किलो हो चुका है। अंधेरी, नवी मुंबई, मंबुई एवं ठाणे समेत विभिन्न शहरों में रिटेल बाजार में टमाटर 50 से 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से विक्रय किए जा रहे हैं। साथ ही, एपीएमसी वाशी के निदेशक संजय पिंगले ने बताया है, कि टमाटर की आवक में गिरावट आने के चलते भाव में इजाफा हुआ है।  कुछ महीने पहले मांग के मुकाबले टमाटर का उत्पादन काफी अधिक था। इस वजह से टमाटर का भाव धड़ाम से गिर गया था। तब खुदरा बाजार में टमाटर 20 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे जा रहे थे। संजय पिंगले के अनुसार, जब टमाटर की आवक बढ़ेगी तब ही कीमतों में सुधार हो सकता है। हालांकि, अभी कुछ दिनों तक टमाटर की कीमत यथावत ही रहेगी। यह भी पढ़ें: भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

थोक व्यापारी इतने रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं

वाशी के थोक व्यापारी मंगल गुप्ता ने बताया है, कि वर्षा और ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50 प्रतिशत फसल चौपट हो चुकी है। इसकी वजह से अचानक बाजार में टमाटर की आवक में गिरावट आई है। नतीजतन भाव बढ़ने लगा। फिलहाल, थोक व्यापारी 16 से 22 रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं। यही वजह है, जो इसका खुदरा भाव 60 रुपए किलो पर पहुँच गया है। मंगल गुप्ता के मुताबिक, मौसम अगर ठीक रहा तो कुछ ही हफ्तों के अंदर कीमत में गिरावट आ सकती है।

इन जगहों पर टमाटर की कीमतें हुई महंगी

साथ ही, पुणे के एक व्यवसायी ने बताया है, कि पहले रिटेल बाजार में टमाटर का भाव 10 से 20 रुपये प्रति किलो था। परंतु, दो माह के अंदर ही टमाटर कई गुना महंगा हो गया। बतादें, कि टमाटर की कीमतें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व महाराष्ट्र के साथ-साथ गाजियाबाद एवं नोएडा में भी बढ़ी हैं। जो टमाटर यहां पर एक सप्ताह पूर्व 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। वर्तमान में उसकी कीमत 30 रुपये प्रति किलो पर पहुँच गई है।
टमाटर की कीमतों में आखिर क्यों लगी आग, सेब और आम की कीमत में बिक रहा टमाटर

टमाटर की कीमतों में आखिर क्यों लगी आग, सेब और आम की कीमत में बिक रहा टमाटर

अगर हम आज से कुछ माह पहले की स्थिति देखें तो, अप्रैल और मई में टमाटर कौड़ियों के भाव बिक रहे थे। यहां तक कि टमाटर का भाव 3 से 5 रुपए प्रति किलो हो गया था। लेकिन अब टमाटर की कीमतों में 500 % प्रतिशत तक का उछाल आया है। बतादें, कि कुछ दिन पहले 10 से 20 रुपए प्रतिकिलो बिकने वाला टमाटर अब लंगड़ा, जर्दालु एवं दशहरी जैसे आमों से भी महंगा हो चुका है। टमाटर की कीमतें इतनी ज्यादा हो चुकी हैं, कि लोग टमाटर के एवज में सेब और आम का सेवन करना अधिक पसंद कर रहे हैं। दरअसल, टमाटर की कीमत अकेले दिल्ली में ही नहीं बढ़ी है। इसकी कीमत में बढ़ोत्तरी हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित भारत के समस्त राज्यों में हुई है। फिलहाल, एक किलो टमाटर खरीदने के लिए लोगों को 100 से 120 रुपए का खर्चा करना पड़ रहा है। आइए इस लेख में हम जानते हैं, कि किस वजह से टमाटर का भाव इतना ज्यादा हुआ है।

किसानों को विवश होकर 2 रुपए किलो भी बेचने पड़े थे टमाटर

अप्रैल एवं मई माह के दौरान टमाटर कौड़ियों के भाव में बिक रहा था। थोक बाजार में इसका भाव 3 से 5 रुपये किलो पहुंच गया था। इसके चलते महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसान खर्चा तक भी नहीं निकाल पा रहे थे। इन राज्यों में किसान 2 रुपये किलो के हिसाब से टमाटर बेचने को विवश हो गए थे। अब ऐसी स्थिति में दुखी किसानों ने टमाटर को सब्जी मंडी के बाहर ही सड़कों पर फेंक दिया था। परंतु, मानसून की दस्तक के आते ही टमाटर के भाव अचानक सातवें आसमान पर पहुंच गए।

टमाटर की कीमत कितने दिन ज्यों की त्यों रहेंगी

मंडी के व्यापारियों ने बताया है, कि विगत कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की आवक में काफी ज्यादा गिरावट हुई है। इससे थोक बाजार में ही टमाटर महंगा हो गया। अब दुकानदार ही हॉलसेल में 70 से 80 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे हैं। साथ ही, जानकारों का कहना है, कि अगले महीने तक टमाटर की कीमतें ऐसी ही रहेंगी। ये भी देखें: भारत में लाल टमाटर के साथ-साथ काले टमाटर की भी खेती शुरू हो चुकी है

बारिश ने किया टमाटर की फसल को चौपट

गाजीपुर सब्जी मंडी के व्यापारी एवं मंडी अध्यक्ष सत्यदेव प्रसाद का कहना है, कि दिल्ली-एनसीआर में टमाटर समेत समस्त सब्जियों की कीमतें महंगी रहेंगी। टमाटर की बढ़ती कीमतों की मुख्य वजह बारिश है। क्योंकि दिल्ली-एनसीआर समेत विभिन्न राज्यों में टमाटर की फसल बर्बाद हो चुकी है। उन्होंने कहा है, कि दिल्ली के बाजार में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से टमाटर की आपूर्ति होती है। परंतु, अत्यधिक वर्षा होने से खेतों में जलभराव की स्थिति हो गई। जिसकी वजह से टमाटर की पत्तियां सड़ गईं। साथ ही, खेत में कीचड़ होने के कारण किसान बचे हुए टमाटर भी नहीं तोड़ पा रहे हैं। इससे टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इससे दिल्ली- एनसीआर में आपूर्ति प्रभावित होने से टमाटर काफी महंगे हो गए हैं।

फिलहाल टमाटर की आवक इन राज्यों से हो रही है

सत्यदेव प्रसाद के कहने के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बहुत सारे किसानों ने वर्षा होने पर धान की रोपाई करने के लिए टमाटर की फसल को खेत से हटा रहे हैं। इससे भी बाजार में टमाटर की कीमत बढ़ गई है। साथ ही, गाजीपुर सब्जी मंडी के सचिव मनोज कुमार ने बताया है कि अभी दिल्ली और आसपास के बाजारों में टमाटर महाराष्ट्र, बेंगलूरु, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से पहुँच रहे हैं। वहां से लाने में सर्वाधिक खर्चा परिवहन पर हो रहा है। उन्होंने कहा है, कि दो सप्ताह पूर्व तक 50 किलो के टमाटर का क्रेट 50 से 100 रुपये में मिला करता था। अब थोक बाजार में इसकी भाव 40 से 50 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुका है।

टमाटर की कीमत में इस वजह से हुआ इजाफा

मनोज कुमार का कहना है, कि गाजीपुर मंडी में पहले प्रतिदिन 20 से 30 ट्रक टमाटर की आवक होती थी। परंतु, अब 10 से 11 ट्रक ही टमाटर की मंडियों में आवक हो रही है। यही कारण है, कि आपूर्ति एवं मांग में काफी ज्यादा अंतराल आने से कीमतें बढ़ गई हैं। साथ ही, बहुत सारे लोगों का कहना है, कि समुचित भाव नहीं मिलने के कारण इस बार किसानों ने टमाटर के उत्पादन रकबे को कम कर दिया है। इसके स्थान पर किसानों ने बींस की खेती की। इस वजह से भी टमाटर के भाव में इजाफा हुआ है।
टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

टमाटर की बढ़ती कीमतों का बहुत सारे किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा तो वहीं कर्नाटक के किसान टमाटर बेचकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। भारत में महंगाई चरम सीमा पर है। विशेष रूप से टमाटर की बात की जाए तो इसकी कीमतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो जून में खुदरा मंहगाई दर 4.81 प्रतिशत रही। महंगाई बढ़ने की एक वजह टमाटर भी है। आम जनता के किचन से टमाटर लापता हो चुका है। हर तरफ खबरें आ रही है, कि किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन आज आपको कुछ ऐसे किसानों के संबंध में बताऐंगे जो कि टमाटर बेचकर लखपति बन चुके हैं। इन किसान परिवारों ने टमाटर बेचकर 1000, 2000 नहीं बल्कि पूरे 38 लाख रुपए कमा लिए हैं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे हुआ है। आइए आपको बताते हैं इन किसानों की पूरी कहानी।

किसान को कैसे मिली 38 लाख की रकम

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विगत एक माह में
टमाटर की कीमतों में 326 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक खबर के अनुसार, कर्नाटक के एक किसान परिवार ने टमाटर बेचकर पूरे 38 लाख रुपए की बड़ी रकम कमा डाली। दरअसल, इस किसान परिवार ने टमाटर के 2000 बॉक्स बेचे, जिससे उन्हें पूरे 38 लाख रुपए मिले हैं।

इन किसानों की लाखों में हुई आय

कर्नाटक के इस किसान के अतिरिक्त एक ओर किसान जिनका नाम वेंकटरमण है। चिंतामणि तालुका के इस किसान ने टमाटर के एक बॉक्स को 2200 रुपए में बेचा है। कोलार के मंडी में जब वो टमाटर बेचने गए तो उनके पास समकुल 54 बॉक्स थे। एक बॉक्स के अंदर 15 किलो टमाटर होता है। इस प्रकार से 54 में 26 बक्सों को 2200 रुपए प्रति बॉक्स के हिसाब से बेचा। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बाकी बक्सों के लिए उन्हें 1800 रुपए की ही कीमत मिली।इस तरह 54 बक्सों को बेचकर उन्हें 17 लाख से ज्यादा की रकम मिली। ये भी पढ़े: इन राज्यों में 200 रुपए किलो के टमाटर को राज्य सरकार की मदद से 60 रुपए किलो में बेचा जा रहा है

इस मंडी से किसान बने लखपति

उपर जिन दो किसानों की कहानी बताई गई है। ये दोनों कर्नाटक के कोलार मंडी में टमाटर बेचकर लखपति बन रहे है। दरअसल, कोलार मंडी में टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर पहुँच गई है। यहां 15 किलो के डब्बे की कीमत 1900 रुपए से 2200 रुपए तक पहुँच गया है। बतादें, कि इससे किसानों की अच्छी-खासी आमदनी हो रही है।
सरकार अब 70 रुपए किलो बेचेगी टमाटर 

सरकार अब 70 रुपए किलो बेचेगी टमाटर 

भारत की राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में टमाटर का भाव 200 रुपये से 250 रुपये किलो तक पहुँच गया है। साथ ही, चंडीगढ़ में लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 300 रुपये से भी ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं। भारत में महंगाई के चलते आम से लेकर खास लोगों तक की रसोई का बजट बिगड़ गया है। बतादें कि करैला, धनिया, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, भिंडी और लौकी समेत समस्त प्रकार की हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं। परंतु, सबसे अधिक टमाटर की कीमत में आग लगी हुई है। महंगाई का कहर इतना है, कि टमाटर का भाव 250 रुपये किलो से भी ऊपर चला गया है। दिल्ली- एनसीआर सहित विभिन्न राज्यों में टमाटर की कीमत 200 रुपये से 250 रुपये किलो पर पहुँच चुकी है। साथ ही, चंडीगढ़ में लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 300 रुपये से भी ज्यादा रुपये का खर्चा करना पड़ रहा है। यहां पर टमाटर 350 रुपये किलो तक बिक रहा है।

अब से 70 रूपए किलो बिकेगा टमाटर

हालांकि, महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के समेत राज्य सरकारें भी पूरा प्रयास कर रही हैं। लेकिन कीमतों में गिरावट आने की कोई आशा नजर नहीं दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार की एजेंसी नाफेड ने खुद ही दिल्ली, नोएडा और लखनऊ समेत भारत की बहुत सारे शहरों में 80 रुपये किलो टमाटर बेचना चालू कर दिया है। परंतु, वर्तमान में लोग 80 रुपये किलो से भी कम भाव पर सरकारी स्टॉल से टमाटर खरीद सकेंगे। नाफेड ने घोषणा की है, कि वह 20 जुलाई से 70 रुपये किलो के रेट से टमाटर बेचेगा। जिससे कि महंगाई पर रोकथाम लगाई जा सके। ये भी पढ़े: केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से निजात देश की राजधानी समेत इन शहरों में 90 रुपए किलो बिकेगा टमाटर

टमाटर के बढ़ते भाव पर लगेगी रोक

जानकारों का कहना है, कि केंद्र सरकार ने यह ऐलान टमाटर के भाव में आ रही कमी के ट्रेंड को देखते हुए किया है। गुरुवार से भारत के विभिन्न शहरों में नाफेड 70 रुपये किलो तक टमाटर बेचेगा। मुख्य बात यह है, कि सस्ती दर पर टमाटर बिक्री के लिए केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से टमाटर की खरीदारी करेगा। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से उत्तर भारत के राज्यों में टमाटर की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगेगा।

नाफेड अब 70 रुपये किलो बेचेगा टमाटर

बता दें कि केंद्र सरकार की एजेंसी नाफेड ने पहले दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर मोबाइल वैन के माध्यम से 90 रुपये किलो टमाटर बेचना चालू किया था। इसके पश्चात 16 जुलाई को नाफेड ने 10 रुपये किलो टमाटर सस्ता कर दिया और 80 रुपये किलो बेकना शुरू कर दिया। फिलहाल, नाफेड लखनऊ और पटना में विभिन्न स्थानों पर 80 रुपये किलो टमाटर बेक रहा है। नाफेड कल से 70 रुपये किलो टमाटर बेचेगा।
टमाटर उत्पादक किसान ने महज कुछ दिनों में ही करोड़ों की आमदनी कर डाली

टमाटर उत्पादक किसान ने महज कुछ दिनों में ही करोड़ों की आमदनी कर डाली

आज हम आपको टमाटर उत्पादक किसान मुरली के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनको पिछले साल टमाटर की खेती में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। उनके ऊपर तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये के कर्ज का भार हो गया था। परंतु, इस साल उन्होंने टमाटर बेचकर सारा कर्ज चुका दिया। साथ ही उन्हें 2 करोड़ रुपये का मुनाफा भी अर्जित हो गया। आज कल महंगाई से आम जनता तो परेशान है ही, साथ ही हरी सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसानों की लॉटरी लग गई है। कई किसान हरी सब्जी बेचकर धनवान हो गए हैं। मुख्य बात यह है कि टमाटर उत्पादक किसानों कीआमदनी इस महंगाई में कई गुनी बढ़ गई है। भारत में कई किसान टमाटर बेचकर करोड़पति बन गए हैं। बतादें कि 48 वर्षीय किसान मुरली इन्हीं किसानों में से एक हैं। मुरली ने महज कुछ ही दिनों में टमाटर बेचकर 4 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली है। इससे मुरली पूरे भारत में काफी चर्चित हो गए हैं।

टमाटर उत्पादक किसान मुरली चित्तूर जनपद के निवासी हैं

जानकारी के अनुसार, किसान मुरली आंध्र प्रदेश के चित्तूर जनपद के निवासी हैं। वे काफी समय से अपने गांव में टमाटर की खेती कर रहे हैं। परंतु, इससे पूर्व उन्हें इतना मुनाफा कभी नहीं मिला। पिछले साल तो भाव में कमी आने से उन्हें 1.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। उन्होंने साहूकार से कर्ज लेकर खेती की थी। ऐसी स्थिति में वे 1.5 करोड़ रुपये के कर्जदार भी हो गए थे। परंतु, इस वर्ष वे टमाटर बेचकर धनवान हो गए हैं। कीमत ज्यादा होने की वजह से महज कुछ दिनों में वे टमाटर बेचकर 4 करोड़ रुपये की आय कर चुके हैं।

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किसान मुरली ने महज 45 दिन में ही 2 करोड़ रुपये की आय कर डाली

दरअसल, इतनी मोटी आमदनी करने के लिए मुरली को भी काफी ज्यादा परिश्रम करना पड़ा। उन्हें टमाटर बेचने के लिए प्रतिदिन 130 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी पड़ी। वे टमाटर बेचने के लिए कोलार जाते थे, जिससे कि अच्छी कीमत मिल सके। विशेष बात यह है, कि 1.5 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के पश्चात मुरली केवल 45 दिन में ही 2 करोड़ रुपये की आमदनी करने में कामयाब रहे।

किसान मुरली टमाटर का रकबा बढ़ाने के लिए जमीन खरीदने की भी योजना बना रहे हैं

बतादें कि इस मुनाफे से मुरली काफी ज्यादा प्रसन्न नजर आ रहे हैं। फिलहाल वे और ज्यादा क्षेत्रफल में टमाटर की खेती करने की योजना बना रहे हैं। अब वे वैज्ञानिक तकनीक को अपनाते हुए बागवानी विधि से टमाटर का उत्पादन करना चाहते हैं, जिससे कि वह और अच्छी पैदावार ले सके। विशेष बात यह है, कि मुरली ज्यादा रकबे में खेती करने के लिए गांव में ही और जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं।
टमाटर की बढ़ती कीमतों से परेशान हो तो इन अल्टरनेटिव (Alternative) का करें उपयोग

टमाटर की बढ़ती कीमतों से परेशान हो तो इन अल्टरनेटिव (Alternative) का करें उपयोग

आपकी जानकारी के लिए बतादें कि दही भी टमाटर का एक अच्छा अल्टरनेटिव है। दही आपके भोजन को खट्टा करने के साथ-साथ टमाटर की तरह आपकी डिश की ग्रेवी भी गाढ़ी करेगी। जैसा कि हम जानते हैं, कि टमाटरों का भाव इस समय आसमान छू रहा है। अब ऐसी स्थिति में भारतीय रसोइयों से टमाटर निरंतर गायब हो रहे हैं। हालांकि, ऐसी स्थिति में आपकी सब्जी का जायका ना बेकार हो इसलिए हम आपको आज टमाटर के कुछ बेहतरीन अल्टरनेटिव (Alternative) के बारे में बताऐंगे। यह अल्टरनेटिव (Alternative) बिल्कुल वैसे ही काम करेगा जैसे आपके टमाटर काम करते हैं। अर्थात यदि आप इन्हें अपनी मशरूम अथवा पनीर की सब्जी में डालेंगे तो सेवन करने वाले को किसी भी तरह से टमाटर की कमी महसूस नहीं होगी।

रेड बेल पेपर टमाटर का सबसे अच्छा अल्टरनेटिव (Alternative) होता है

रेड बेल पेपर टमाटर के सबसे बेहतरीन अल्टरनेटिव्स में से एक होता है। सब्जी में डालने पर यह पूर्णतय वैसा ही टेक्सचर एवं स्वाद देते हैं, जैसे कि टमाटर से मिलता है। आप इन्हें सैंडविच, सलाद जैसी चीजों में भी उपयोग कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं मैगी, पास्ता और अन्य खाने की चीजों में भी आप इसका उपयोग टमाटर के स्थान पर कर सकते हैं। कम कीमत में यह चीज आपको टमाटर की कमी खलने नहीं देगी।

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कच्चा आम टमाटर की तुलना में ज्यादा खट्टा होता है

जैसा कि हम जानते कि इस समय पूरा बाजार आम से भरा हुआ है। ऐसी स्थिति में यदि आप टमाटर नहीं खरीद सकते तो कच्चे आम से अपना काम चला सकते हैं। यह आपकी सब्जी अथवा खाने वाली किसी भी चीज में वही खट्टा स्वाद देगी जो टमाटर से आता है। बाजार में इस समय कच्चा आम 50 से 60 रुपये किलो उपलब्ध हो जाएगा। सबसे मुख्य बात यह है, कि एक किलो कच्चा आम आपके 10 किलो टमाटर के समान होता है। यह टमाटर से भी अधिक खट्टा होता है, इस वजह से इसका उपयोग टमाटर से काफी कम किया जाता है।

दही को भी टमाटर का एक अल्टरनेटिव माना जाता है

दही भी टमाटर का एक बेहतरीन अल्टरनेटिव (Alternative) होता है। दही ना केवल आपकी डिश को खट्टा करेगी, बल्कि यह टमाटर की भांति आपकी डिश की ग्रेवी भी गाढ़ी करेगी। भारत में विभिन्न ऐसे पकवान और सब्जियां बनती हैं, जिसमें दही का उपयोग होता है। इस वजह से यदि आप टमाटर के स्थान पर दही का उपयोग करते हैं तो ये आपके लिए उत्तम है।

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इमली को भी एक अच्छा विकल्प माना जाता है

यदि आपको किसी डिश में केवल खट्टा पन लाना है और आप टमाटर खरीदने में असमर्थ हैं तो आपके लिए इमली सर्वोत्तम है। इमली से ना केवल आपकी सब्जी या कोई भी डिश खट्टी होगी बल्कि उसके स्वाद में भी चार चांद लग जाएंगे। खास बात यह है, कि आप जिस प्रकार से टमाटर की चटनी तैयार करते हैं, उसी प्रकार से आप इमली की भी चटनी तैयार कर सकते हैं।

उबली लौकी का उपयोग सब्जी को गाढ़ी करने हेतु कर सकते हैं

बतादें कि उबली लौकी का उपयोग आप तब कीजिए जब आपको ग्रेवी गाढ़ी करनी हो। दरअसल, बहुत लोग टमाटर का उपयोग ग्रेवी को गाढ़ी करने के लिए भी किया करते हैं। इस वजह से यदि आपको अपनी सब्जी की ग्रेवी गाढ़ी करनी है, तो आप टमाटर के स्थान पर उबली हुई लौकी का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, इसमें आपको खट्टापन लाने हेतु इमली का पानी मिश्रित करना पड़ेगा। ऐसा करने पर आपकी ग्रेवी गाढ़ी भी होने के साथ-साथ उसका स्वाद भी खट्टा हो जाएगा।